कागज़ का महात्मा ......
कागज़ का महात्मा
हर चीज़ बिक गई,
जल उठी मेरी आत्मा ,
हे मुझे बनाने वाले ,
सबसे बड़ा क्यूं है ये कागज का महात्मा ।।।...... कैसा है यह दौर ??....
नहीं पता ,कब आ जाए तूफ़ान और आंधी,
हम से जब कुछ ना हो पाए,
तो कह देते ,मज़बूरी का नाम महात्मा गांधी।।।।
कोतवाल से लेकर कव्वाल तक ,
हकीमो से लेकर कंगाल तक,
इससे दिव्य हो जाती है सबकी आत्मा,
इससे दिव्य हो जाती है सबकी आत्मा,
सबसे बड़ा क्यूं है ये कागज का महात्मा ।।।......
कागज़ का महात्मा ,here used for MONEY
SHUBHAM ARYA
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