शहीद-ए मर्त्यर्
शहीद-ए मर्त्यर्
राष्ट्र का कोई पिता नहीं होता ,
राष्ट्र के तो सपूत होते हैं,फिर क्यों गांधी राष्ट्रपिता,
और भगत सिंह आतंकवादी कहलाया....
अच्छा हुआ भगत सिंह तेरा फोटो न आया नोटों पर,
वरना कुचला जाता शीला मुन्नी के कोठों पर,
तू लोगों के दिल में रहेगा,
गांधी को रहने दे होठों पर,
तू तो शहीद हुआ,
ना जाने कैसे तेरी माँ सोई होगी....?
एक बात तो तय है,
तुझे गले लगाकर,
रस्सी भी सौ बार रोई होगी....
जय हिन्द जय भारत
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